राहुल गांधी “रागा” के चमचों ने एक बार फिर ‘रागा’ की योजना पर पानी फेर दिया है।
रागा चले थे नमो (नरेंद्र मोदी) का घर ढाने, गाज उलटी कोंग्रेस पर ही गिर गयी।
राहुल गांघी “रागा” की सहारा डाइरी से निकले विवादों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नमो’ भले ही न फँसे हों, मगर उसकी चपेट में शीला दीक्षित ज़रूर आ गई है।
रागा ने एक बार फिर पाँसा तो अच्छा फेंका था, मगर एक बार फिर वो पाँस उलटा पड़ता नज़र आ रहा है।
शीला दीक्षित ने सहारा डाइरी के अस्तित्व को ही नकार दिया है। इससे भाजपा को कांग्रेस पर एक बार फिर चढ़ाई कारने का मौक़ा मिल गया है।
शीला दीक्षित ने अपने बयान में कहा कि लिस्ट ग़लत है और सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर पहले ही ऑर्डर पास कर चुका है। लिस्ट में और भी नाम है, तो फिर मेरे ही नाम पर फ़ोकस क्यों।
कांग्रेस ने शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश के चुनावों मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया है। यही हाल रहा तो मुख्यमंत्री तो दूर, शीला दीक्षित का एमएलए बनाना भी दूभर हो जाएगा।