मुंबई- पर्यावरणस्नेहियों की 1 सितंबर 2018 तक जिलेवार समितियां नियुक्त करके 13 करोड़ रोपे गए पौधों की हर छह महीने में ऑडिट किया जाएगा। यह जानकारी वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दी है।
33 करोड़ पौधे लगाने का अगला लक्ष्य
मंत्रालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मुनगंटीवार ने बताया कि प्रदेश की जनता ने लक्ष्य से चार दिन पहले 13 करोड़ पौधरोपण करके संकल्प को पूरा किया और हम पर्यावरणस्नेही हैं यह दिखा दिया। प्रदेश में दोपहर चार बजे तक 14 करोड़ 71 लाख 88 हजार पौधे रोपे गए हैं। इसमें 36 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। लोक सहभागिता से पौधरोपण का कार्यक्रम वन सत्याग्रह में रुपांतरित हो गया है। पौधों का रखरखाव और रक्षा करना हम सबका दायित्व है। वन मंत्री ने कहा कि पौधरोपण कार्यक्रम में पारदर्शिता के लिए प्रत्येक पौधों का पंजीकरण किया गया है। सभी जानकारी सूचना डोमेन में उपलब्ध है। इसके लिए तकनीक का उपयोग किया गया है। नागपुर में कमांड रूम बनाया गया है। रोपे गए पौधों का हर छह महीने (31 अक्बटूबर / 31 मई) में आडिट किया जाएगा। जानकारी फिर से नए में पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराई जाएगी।
वन मंत्री के अनुसार प्रदेश में पौधरोपण का आंदोलन शुरू हो गया है। पहले वर्ष 2 करोड़ के लक्ष्य में २ करोड़ 82 लाख पौधे रोपकर और 4 करोड़ के लक्ष्य में 5 करोड़ 43 लाख पौधे लगाए गए थे। यह दोनों पौधरोपण लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात” कार्यक्रम से इसकी प्रशंसा की थी। भारत सरकार के फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में वन और वन से संबंधित चार क्षेत्रों में महाराष्ट्र देश में प्रथम आया। इसमें जलव्याप्त वन क्षेत्र, कांदलवन संवर्धन, वनेत्तर क्षेत्र का वृक्षाच्छादन और बांस लगाने का समावेश है। अगला लक्ष्य 33 करोड़ पौधरोपण का है। अभी तक जिस तरह से पौधरोपण में सहभागिता रही है , इस मिशन को अपना खुद का मानकर उसे पूरा किया गया है। उसी तरह का नियोजन 3 अगस्त 2018 से जिलाधिकारी के साथ विडियो कांफ्रेेसिंग के जरिए शुरू हो रहा है। उसके बाद अगस्त महीने में ही वन अधिकारियों की पुणे में परिषद आयोजित की गई है।
प्रत्येक जिले में डीपी की तरह टीपी अर्थात ट्री कवरेज प्लान तैयार किया जाएगा। पौधरोपण और संवर्धन के लिए सभी प्रशासकीय विभागों को आधी प्रतिशत निधि खर्च करने की मंजूरी दी गई है। जिला योजना प्रारूप में नई योजना के तहत इसके लिए निधि देने की व्यवस्था की गई है। विधायक निधि से 25 लाख रुपए तक राशि पौधरोपण, संवर्धन और जनजागृति के उपयोग में लाई जा सकेगी। किसानों के खेतों, बांधों पर फलदार वृक्ष लगाने की योजना पर सामाजिक वनीकरण शाखा के सहयोग से रोजगार गारंटी योजना के तहत अमल किया जाएगा। फलोत्पादन की मर्यादा 4 हेक्टेयर से बढ़ाकर 6 हेक्टेयर की जाएगी।