मुंबई- कांग्रेस ने भाजपा सरकार में की गई राफेल जेट फाइटर विमान खरीदी में 41 हजार 205 करोड़ रुपए का घोटाले होने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राफेल जेट विमान खरीदी मामले की सही जानकारी देश की जनता से छुपा रहे हैं। यह देश की जनता के साथ धोखा और विश्वासघात है। इसके खिलाफ कांग्रेस ने 30 जुलाई को फैशन स्ट्रीट से आजाद मैदान तक विशाल मोर्चा निकालने की घोषणा की है।
30 जुलाई को कांग्रेसियों का मोर्चा
चव्हाण ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि विमान खरीदी की सही कीमत 25 जनवरी 2008 में हुए इंडो फ्रेंच गोपनीय करार को सार्वजनिक की जा सकता था । कांग्रेस शासनकाल में भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुए इस करार में कहीं भी इसका उल्लेख नहीं है कि लेनेदेन व खर्च की जानकारी नहीं दी जा सकती। इस लेनेदेन में केवल विशेषज्ञों की तकनीक और रणनीतिक जानकारी गोपनीय रखने का उल्लेख है। फ्रांस ने कभी नहीं कहा कि विमान खरीदी की जानकारी सार्वजनिक न की जाए।
प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन जनता को गुमराह कर रहे हैं। संसद में 20 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देशहित का आधार लेकर खुद का बचाव करने का प्रयास किया। परंतु सच्चाई यह है कि मोदी सरकार राफेल खरीदी में राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा का जतन करने में असमर्थ साबित हुई है। भाजपा सरकार के झूठ, भ्रष्टाचार और फंसानेवाली आदत के कारण उनकी विवेकबुद्धि नष्ट हो गई है। सरकार पर हुए गंभीर आरोप और जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप सिद्ध होने पर सरकार सच्चाई छुपा रही है। डिसोल्ट एविएशन से की गई राफेल विमान खरीदी के व्यवहार से जनता को 41,205 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। 8 मार्च 2018 को फ्रांस के राष्ट्रपति इम्यानुएल मैक्रोन ने एक टीवी चैनेल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि भारत चाहे तो विमान के लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक कर सकता है। कांग्रेस के मुंबई अध्यक्ष संजय निरूपम ने कहा कि कानून के मुताबिक लेखा समिति, रक्षा संबंधी संसदीय स्थाई समिति और नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (उअॠ) को पूरी जानकारी देना अनिवार्य है। बावजूद इसके मोदी सरकार जानकारी छुपा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण के मुताबिक 12 दिसंबर 2012 को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में डिसोल्ट एविएशन द्वारा जाहिर की गई बोली के अनुसार एक विमान की कीमत 526.10 करोड़ के हिसाब से 36 विमानों की कीमत 18,940 करोड़ रुपए निर्धारित की गई थी। मोदी सरकार ने प्रति विमान 1670.70 करोड़ की दर से 36 विमानों की खरीदी 60,145 करोड़ रुपए में की। भाजपा सरकार के 2016 की वार्षिक रिपोर्ट में यह कीमत दर्ज की गई है। चव्हाण ने बताया कि इसी डिसोल्ट एविएशन ने वर्ष 2015 में 48 विमान इजिप्त और कतर को प्रति विमान 1319.80 करोड़ रुपए की दर से बेचे थे। दोनों देशों ने 24-24 विमान खरीदे थे। यही विमान मोदी सरकार ने 1670.70 करोड़ रुपए की दर से खरीदे हैं। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को की थी। इजिप्त और कतर की तुलना में भारत ने 36 विमानों को लिए 12,632 करोड़ रुपए ज्यादा दिए हैं। इसका जवाब प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहिए।